
बिरगांव : B.Ed सहायक शिक्षक अपनी सेवा सुरक्षा की मांग को लेकर लगभग 21 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। अब तो आलम यह है कि कुछ शिक्षक अपनी मांगों को लेकर आमरण अनशन करने पर उतर आये है। जिसके चलते कुछ महिला शिक्षकों की तबियत भी खराब हो गई। और उन्हें अभनपुर अस्पताल ले जाया गया। जहां उनका इलाज जारी है। लगभग 20 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक इनकी मांगे पूरी नहीं हुई है। जिसके कारण अभी भी ये धारणा स्थल पर डेट हुए है। इसी के चलते बिरगांव में छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा ने इनका समर्थन किया। और इनकी मांगों को समाज के विभिन्न वर्गों और संगठनों से व्यापक समर्थन मिल रहा है। चाहे वह शिक्षक संघ हो, कर्मचारी संघ हो, अथवा सामाजिक संगठन, सभी उनकी मांगों के प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त कर रहे हैं। अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग सहित कई वर्गों ने भी इस आंदोलन का समर्थन किया है।

इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के मजदूरों और शोषित वर्ग की आवाज़ उठाने वाले जमीनी नेता शहीद शंकर गुहा नियोगी जी की विचारधारा से प्रेरित “छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा (मजदूर कार्यकर्ता समिति)” ने B.Ed सहायक शिक्षकों के समर्थन में एक आमसभा का आयोजन किया। इसके साथ ही, उनकी सेवा सुरक्षा और अधिकारों की मांग को लेकर एक भव्य रैली का आयोजन किया गया। यह रैली बिरगांव के शहीद स्कूल से शुरू होकर पूरे बिरगांव क्षेत्र में निकाली गई।
रैली के माध्यम से B.Ed सहायक शिक्षकों की समस्याओं और उनकी जायज मांगों को लेकर जागरूकता फैलाई गई। यह आयोजन न केवल शिक्षकों की सेवा सुरक्षा को लेकर जनसमर्थन बढ़ाने में सफल रहा, बल्कि अन्य संगठनों और समुदायों को भी इस आंदोलन से जोड़ने का काम किया। शिक्षक समुदाय, सामाजिक संगठनों और अन्य समर्थकों के सहयोग से यह आंदोलन दिन-ब-दिन अधिक मजबूत होता जा रहा है।
छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा का यह प्रयास शिक्षकों के हितों की रक्षा और उनकी समस्याओं के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।