बीएड वाले गुरु ने निकाली NCTE की शव यात्रा, शिक्षकों के प्रदर्शन का 24 वॉ दिन

रायपुर। बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों द्वारा समायोजन की मांग को लेकर अनोखा प्रदर्शन किया गया। एनसीटी की शव यात्रा निकाली गई…जो तुता धरना स्थल से शुरू होकर तूता के शमशान घाट तक ले जाया गया। इस दौरान प्रदर्शनकरियों ने NCTE मुर्दाबाद के नारे भी लगाए गए। वहीं समायोजन की मांग को लेकर भी नारे लगाए गए। प्रदर्शन कर रहे हैं।
सहायक शिक्षकों का कहना है कि NCTE ने अगर गलत नियम नहीं बनाया होता तो आज उन्हे ये दिन देखना नहीं पड़ता। एनसीटी वह इकाई है जो पूरे देश में शिक्षकों की अर्हता का निर्धारण करता है। 2018 में नियम बनाकर बीएड वालों को प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए पात्र किया गया था। उसी के आधार पर पूरे देश में भर्ती नियम बनाया गया और बीएड सहायक शिक्षको को इस नियम के आधार पर भर्ती की गई थी। डेढ़ साल की सेवा करने के बाद सरकार के द्वारा नौकरी से निकाल दिया गया है.
शिक्षको ने बताई आप बीती
शिक्षको ने कहा हमारा पूरा परिवार सड़क पर आ गया है। इस भर्ती में 70% अनुसूचित जनजाति के लोग शामिल थे। आज बस्तर जैसे क्षेत्र में वह काम कर रहे थे जहां पर नक्सलवाद का गढ़ है और ऐसी जगह से निकलकर यह नौकरी पाए थे। जो मुख्य धारा में जुड़ना चाहते थे किंतु सरकार एवं NCTE के नियम के चलते आज इनकी नौकरी चली गई है। समायोजन की मांग को लेकर सभी शिक्षक बीते 23 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।