B.ED Teachers Protest:- 3000 परिवारों के भविष्य के साथ हो रहा खेल: आखिर किसकी गलती की सजा भुगत रहे निर्दोष शिक्षक: समायोजन की मांग

रायपुर। बी.एड. डिग्री धारी सहायक शिक्षको की वर्तमान की स्थिति काफी अत्मजस और अनिश्चितता के दौर से गुजर रहे हैं। 2023 में लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा विज्ञापन जारी किया जाता है और (दिनांक 4 मई 2023) के तहत सहायक शिक्षक के पद पर उनका चयन हुआ। लेकिन माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन याचिका और अवमानना प्रकरण के परिणामस्वरूप, इनकी सेवाएं 30 दिसंबर 2024 से समाप्त करने की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। इससे लगभग 2,897 सहायक शिक्षकों और उनके परिवारों के भविष्य पर गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है।

सहायक शिक्षकों के द्वारा बताए गए मुख्य बिंदु
1. सीधी भर्ती 2023, छत्तीसगढ़ राज्य भर्ती नियम 2019 के तहत तत्कालीन राज्यपाल के अनुमोदित गजट के अनुसार हुई।
2. चयन प्रक्रिया में व्यापम परीक्षा के माध्यम से मेरिट सूची में स्थान प्राप्त कर नियुक्ति मिली।
3. चयनित 3000 शिक्षकों में से लगभग 71% अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय से हैं।
4. एक वर्ष से अधिक समय से हम बस्तर और सरगुजा जैसे सुदूर अंचलों में सेवा दे रहे हैं।
5. सरकार द्वारा दिए सेवा सुरक्षा के आश्वासन से अधिकांस शिक्षक और शिक्षिकाओ ने बैंक लोन लिए, शादी करने जैसे बड़े फैसले अब उनके भविष्य का क्या ?
सहायक शिक्षकों की मांगेंः
1. एक बी एड. प्रशिक्षित सहायक शिक्षक को अंतर्विभागीय समिति में छठे सदस्य के रूप में शामिल किया जाए।
2. समायोजन से जुड़े उचित निर्णय तक सेवाओं को जारी रखा जाए या वेतन बरकरार रखा जाए।
3. समयबद्ध तरीके से समिति रिपोर्ट प्रस्तुत कर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।

न्याय के लिए इन शिक्षकों का संघर्षः
14 दिसंबर 2024 को इन शिक्षकों ने सरगुजा से रायपुर तक 350 किमी की पदयात्रा की, जिसमें लगभग 2000 सहायक शिक्षक और उनके परिवार शामिल हुए। इसके बाद 19 दिसबर 2024 सेअनिश्चितकालीन धरना और 4 जनवरी 2025 से अनशन कर रहे हैं।यह संघर्ष केवल 2,897 शिक्षकों का नहीं है, बल्कि 3000 परिवारों की आजीविका और उनके बच्चों के भविष्य का सवाल है। छतीसगढ़ सरकार से ये आग्रह करते हैं कि इनकी जायज मांर्गो पर त्वरित निर्णय लेकर उन्हें न्याय दिलाया जाए।
शासन, प्रशासन की लापरवाही से बस्तर और सरगुजा सम्भाग के शासकीय प्राथमिक शालाओं में विगत 15 माह से सेवारत लगभग 2900 निर्दोष बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षक अब बेरोजगार हो चुके हैं। ये सभी अभ्यर्थी व्यापम द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षा (2023) उत्तीर्ण कर, मेरिट में स्थान प्राप्त कर शिक्षकीय सेवा में आए थे। इनकी भर्ती पूर्णत राज्य शासन के नियमों के अधीन हुई थी। दरअसल साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में शिक्षा की गुणवत्ता का हवाला देते हुए बीएड की योग्यता को प्राथमिक शालाओं में शिक्षण हेतु अमान्य घोषित कर दिया था. इसी वजह से हाईकोर्ट द्वारा बीएड प्रशिक्षितों के स्थान पर डीएड प्रशिक्षितों की नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया गया है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एन. सी.टी.ई.) ने ही बीएड को प्राथमिक शिक्षण हेतु मान्यता प्रदान की थी।पूरे नियमों के तहत हुई थी नियुक्ति राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एन. सी.टी.ई.), नई दिल्ली वह संस्था है जो शिक्षकों की योग्यता का निर्धारण करती है. इस संस्था में स्कूल शिक्षा, साक्षरता विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, विश्व विद्यालय अनुदान आयोग, एन.सी.ई.आर.टी., सी. बी. एस. ई. नीति आयोग आदि प्रमुख संस्थाओं के शिक्षाविद शामिल हैं। सन् 2018 में एक गजट प्रस्तुत कर 6 माह के ब्रिज कोर्स की व्यवस्था के साथ बीएड को प्राथमिक शालाओं में शिक्षण हेतु मान्यता प्रदान की गई थी, जिसे भारत के राजपत्र में प्रकाशित किया गया। चूंकि एन. सी.टी.ई एक केंद्रीय वैधानिक निकाय है, अतः भारत का प्रत्येक राज्य इस संस्था द्वारा जारी अधिसूचना को मानने हेतू बाध्यकारी है। इसीलिए छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षिक एवं प्रशासनिक संवर्ग) भर्ती तथा पदोन्नति नियम (2019), उतीसगढ़ का राजपत्र (2023) तथा विभाग द्वारा जारी सीधी भर्ती (2023) के विज्ञापन में भी व्यावसायिक शिक्षा बी.एड को सहायक शिक्षक पद हेतु आवश्यक शैक्षणिक अहर्ता के रूप में रखा गया था। अभ्यर्थियों ने विज्ञापित पर्दा की अहर्ता के अनुरूप ही आवेदन किया, परीक्षा दिलाई तथा उच्चकोटि के अंक प्राप्त कर नियुक्ति पाई।कालानुक्रमिक विवरण04 मई 2023 भर्ती परीक्षा का विज्ञापन जारी किया गया (बीएड नान्य)।10 जून 2023 व्यापम द्वारा भर्ती परीक्षा का आयोजन (डीएड तथा बीएड दोनों ही अभ्यर्थी शामिल)।02 जुलाई 2023 परीक्षाफल तथा मैरिट लिस्ट जारी किया गया।11 अगस्त 2023 सुप्रीन कोर्ट द्वारा एन. सी. टी.ई. (2018) कर गजट रद्द कर बीएड को प्राथमिक शिक्षण हेतु अमान्य ठहराया गया।21 अगस्त 2023 रोक दी जाती है। डीएड के अभ्यर्थी छ. ग. हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हैं तथा बीएड की काउंसलिंग29 अगस्त 2023 – बीएड के अभ्यर्थी सुप्रीमकोर्ट जाते हैं, तथा उन्हें अतरिम राहत प्रदान की जाती है तथा काउंसलिंग में शामिल किया जाता है। भती को हाईकोर्ट के फैसले के अधीन रखा जाता है।• 21 सितम्बर 2023 मेरिट लिस्ट के अनुसार बीएड के अभ्यर्थियों को भी नियुक्ति पत्र प्रदान किया जाता है।02 अप्रैल 2024 – छ. ग. हाईकोर्ट द्वारा बीएड के स्थान पर पीछे के रैंक वाले डीएड अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का फैसला दिया जाता है।

छत्तीसगढ़ के पारंपरिक त्यौहार छेर_छेरा पुन्नी के दिन मान्यता है कि, घर_घर जा कर अन्न का दान मांगा जाता है। इसी तारतम्य में शिक्षकों ने मंत्रियों के बंगले में नौकरी समायोजन की मांग रखी।