
बिलासपुर।छत्तीसगढ़ व्यापम द्वारा रविवार को आयोजित पीडब्ल्यूडी भर्ती परीक्षा में बिलासपुर के स्वामी आत्मानंद विद्यालय, सरकंडा परीक्षा केंद्र में एक नकलची गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव विकास सिंह ठाकुर एवं प्रदेश सचिव मियामी सिंह गौतम एग्जामिनेशन सेंटर के बाहर एक ग्रुप द्वारा ऑटो में टैबलेट, कैमरा, वॉकी-टोकी, ईयर फोन जैसे स्टिक के साथ काम किया जा रहा है, जो एग्जाम में टेक्निकल मीडिया नकल से टच हो रही थी। पी. मंडल एवं परीक्षा के रिपॉजिटरी अधिकारी पी. के. पांडे (प्रचार्य, साइंस कॉलेज, बिलासपुर) की भूमिका पर भी संदेह है, दोनों के मोबाइल फोन पर कॉल डिटेल और नेटवर्क कनेक्शन की सीबीआई जांच की मांग की गई है।

NSUI का सीधा आरोप
यह बेकार भाजपा सरकार की सरपरस्ती में फल फूल रहा है इस परीक्षा का आयोजन पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा किया गया था, जो राज्य के भरोसेमंद अरुण साव के अधीनस्थ हैं – और वे स्वयं बिलासपुर क्षेत्र से विधायक हैं। यह नकली दस्तावेज उनके ही गृह जिले में संचालित किया जा रहा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इस शीट को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। एनएसयूआई का आरोप है कि भाजपा सरकार के संरक्षण में व्यापम जैसे संस्थान को फिर से 2015 के व्यापम घोटाले का गोदाम बनाया गया है।

विकास सिंह ठाकुर (प्रदेश महासचिव, NSUI) ने कहा:”हमने खुद इस संगठित नकल रैकेट को रंगे हाथों पकड़ा है। ऑटो में बैठी लड़की के पास मौजूद टैबलेट और वॉकी-टॉकी से यह स्पष्ट था कि परीक्षा में बाहर से उत्तर भेजे जा रहे थे। इस पूरे रैकेट की जड़ें व्यापम के भीतर तक फैली हैं। हम मांग करते हैं कि CBI जांच हो, दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए और पूरी परीक्षा को निरस्त किया जाए।”
मयंक सिंह गौतम (प्रदेश सचिव, एनएसयूआई) ने कहा: “यह केवल एक केंद्र का मामला नहीं है। यह राज्यभर में फैला हुआ सु नियोजित अपराध है। इसके तार भाजपा सरकार के उच्च साझीदार लोगों से जुड़े हो सकते हैं। अगर इस पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो एनएसयूआई राज्यभर में सड़क पर उतरकर उग्रवादी आंदोलन करेगा।”

रंजीत सिंह (जिलाध्यक्ष, NSUI बिलासपुर) ने कहा:> “यह नकल रैकेट अरुण साव के संरक्षण में चल रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उनकी सरकार इस पूरे षड्यंत्र की जिम्मेदार है। हम मांग करते हैं कि उपमुख्यमंत्री अरुण साव नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दें और परीक्षा रद्द कर सीबीआई जांच कराई जाए।
NSUI की प्रमुख माँगें:
परीक्षा रद्द कर तत्काल CBI जांच कराई जाएदोनों आरोपी छात्राओं एवं उनके नेटवर्क के विरुद्ध FIR और गिरफ्तारी होकेंद्राध्यक्ष और नोडल अधिकारी के मोबाइल जब्त कर कॉल डिटेल जांच होपूरे मामले में अरुण साव की भूमिका की भी उच्चस्तरीय जांच होव्यापम को भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए स्वतंत्र निगरानी समिति का गठन हो
यदि इस प्रकरण में सरकार चुप रही या लीपापोती की कोशिश की गई, तो NSUI प्रदेशभर में जनांदोलन चलाएगी। यह केवल एक परीक्षा नहीं, लाखों युवाओं के भविष्य की लड़ाई है।