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Raipur News: B.ED प्रशिक्षित सहायक शिक्षक सेवा सुरक्षा की मांग को लेकर फिर पहुंचे तूता, तपती धूप में बैठे सेवा सुरक्षा की कर रहे मांग

रायपुर। बर्खास्त B.Ed प्रशिक्षित सहायक शिक्षक, जो अपनी सेवा सुरक्षा की मांग को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे हैं. सहायक शिक्षको को अनेक संकटो का सामना करना पड़ रहा हैं। आपको बता दें कि यह शिक्षक बस्तर और सरगुजा में पदस्थ थे। पात्र नहीं होने का हवाला देकर इन्हे 1 जनवरी 2025 को बर्खास्त कर दिया गया। फिर लगभग 45 दिन प्रदर्शन के बाद नगरीय निकाय चुनाव के चलते आदर्श आचार संहिता का सम्मान करते हुए इन्होंने धरना स्थल छोड़ा था। अब फिर से ये सरकार से गुहार लगा रहे है कि उनकी नौकरी समायोजित कर दी जाए।

आर्थिक संकट

बेरोजगार हो चुके सहायक शिक्षकों की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय हो चुकी है। बिना किसी आर्थिक सहयोग के, सरकार ने उन्हें अचानक बेरोजगार कर दिया, जिससे वे गंभीर वित्तीय संकट में हैं।

लोन का भुगतान की समस्या

परिवार के लिए राशन जुटाना कठिन हो गया है। बच्चों की स्कूल फीस भरने में असमर्थ हैं। परिजनों के इलाज के लिए भी पैसे नहीं हैं। बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति करना मुश्किल हो रहा है।सामाजिक प्रतिष्ठा पर आघात सरकार के इस निर्णय के कारण समाज में बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों की प्रतिष्ठा को ठेस पहुँची है। योग्यता और मेरिट के बावजूद नौकरी से निकाले जाने के कारण समाज में उन्हें संदेह की नजर से देखा जा रहा है। कई शिक्षकों की शादी और सगाई टूट गई, जिससे उनका व्यक्तिगत जीवन प्रभावित हुआ। जिनका विवाह हो चुका है, वे अपने जीवनसाथी के सामने खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं।

मानसिक अवसाद

सरकार के अन्यायपूर्ण निर्णय के कारण कई शिक्षक गंभीर मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं।* कई शिक्षकों को भविष्य अंधकारमय लग रहा है।* अन्य नौकरियों के लिए भी वे एकाग्र नहीं हो पा रहे हैं।* कुछ शिक्षक इस अवसाद में हैं कि वे अब किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी नहीं कर सकते।* कई शिक्षक अवसादग्रस्त होकर आत्मघाती विचारों तक पहुंच गए हैं।*बेरोजगारी की भयावह स्थिति*बर्खास्त किए गए शिक्षकों को अन्य विद्यालयों और कॉलेजों में भी नौकरी नहीं मिल रही है।जब वे आवेदन देते हैं, तो उनसे पूछा जाता है कि उन्हें सरकार ने क्यों निकाला? बिना गलती के बर्खास्तगी की बात कई संस्थानों को संदिग्ध लगती है। कई शिक्षकों को यह कहकर नौकरी देने से इनकार कर दिया जाता है कि वे किसी न किसी गलती के कारण ही निकाले गए होंगे।*समस्या की पृष्ठभूमि*अपनी बहाली एवं समायोजन की मांग को लेकर B.Ed सहायक शिक्षकों ने 14 दिसंबर 2024 को सरगुजा से रायपुर तक 350 किमी की पदयात्रा की।इस यात्रा में लगभग 2000 सहायक शिक्षक एवं शिक्षिकाएं अपने बच्चों सहित कठोर ठंड और जंगल के खतरों की परवाह किए बिना शामिल हुए।19 दिसंबर 2024 से अनिश्चितकालीन धरना प्रारंभ किया गया।4 जनवरी 2025 से मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित अंतर्विभागीय समिति के समक्ष अनशन किया गया।आचार संहिता लागू होने के कारण धरना अस्थायी रूप से स्थगित किया गया था, लेकिन 1 मार्च 2025 से नए जोश और जुनून के साथ यह पुनः प्रारंभ हो गया। जब तक समायोजन की मांग पूरी नहीं होती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।

शिक्षकों की मांग

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित अंतर विभागीय समिति जल्द से जल्द बैठक आयोजित कर एजेंडा सेट करके समायोजन हेतु सरकार को रिपोर्ट अग्रेषित करें l सरकार से अपील करते हैं कि जल्द से जल्द हमारी समायोजन की प्रक्रिया शुरू करे, ताकि बेरोजगारी और मानसिक अवसाद से जूझ रहे शिक्षकों को न्याय मिल सके।

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